लोक सम्मत का अर्थ
[ lok semmet ]
लोक सम्मत उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- ‘ उखान ' उपाख्यान का लोक सम्मत रूप है।
- कविता में मुहावरेदानी का ऐसा ही लोक सम्मत जादू त्रिलोचन जगाते हैं।
- अब जब तक यह सब लोक सम्मत नहीं हो जाता इस पर विवाद होता ही रहेगा .
- पर न पाया जगत का वह सार जिससे कर सकूँ अभिमान निज पर लोक सम्मत संहिताओं से पराजित पड़ा हूँ भू-व्योम मध्य त्रिशंकु सा मैं पथ प्रदर्शक .
- श्रीगंगानगर से ही छपने वाले ‘ लोक सम्मत ' , ‘ दैनिक प्रताप ' , ‘ नियति ' आदि में भी लघुकथा पर उपयोगी सामग्री प्रकाशित होती रही है।
- काम , वेद शास्त्र एवं लोक सम्मत दर्शन है , देव है , आज वह स्वैराचार है , पहले वह ऋतुकाल और अपेक्षा पर आधारित और वैज्ञानिक था , आज उसका विकृत रूप समाज के सामने है।
- उपर्युक्त विवेचना को ध्यान में रखकर यह कहना मौजू महसूस होता है कि नयेपन के लिए छन्द तोडना आवश्यक नहीं , बल्कि उसकी सीमा में रहकर आत्मा और हृदय की मुक्तावस्था को शब्दों , प्रतीकों , बिम्बों तथा लोक सम्मत मुहावरों के द्वारा नयेपन के प्रति प्रतिबद्ध होना आवश्यक है।
- इस बीच स्टाफ के साथी , यूनिट हैड , गिल्होत्रा , लोक सम्मत के पत्रकार ( श्रीगंगानगर % वाइन करने से पहले उज्जैन के मेरे कवि मित्र ( स्व ) ओम व्यास ओम ने जिनके नाम-स्वभाव से अवगत कराया था ) रेवतीरमण जी , आदि घर पर जुट गए थे।
- इस बीच स्टाफ के साथी , यूनिट हैड , गिल्होत्रा , लोक सम्मत के पत्रकार ( श्रीगंगानगर % वाइन करने से पहले उज्जैन के मेरे कवि मित्र ( स्व ) ओम व्यास ओम ने जिनके नाम-स्वभाव से अवगत कराया था ) रेवतीरमण जी , आदि घर पर जुट गए थे।
- परन्तु रामानुजाचार्य ने अपनी विलक्ष्ण प्रतिभा और शास्त्रीय मेघा से “ जलं पिवति इति कपि : सूर्य : , तेन आस्यते क्षिप्यते इति कप्यासम् कमलम् ” ऐसा लौकिक विग्रह करते हुए “ कप्यास : ” इस श्रुति का अर्थ गहरे जल में उत्पन्न और उगते हुए सूर्य की किरणों से नवविकसित कमल दल के समान भगवान् नारायण के युगल नेत्र है ऐसा शास्त्र सम्मत और लोक सम्मत सुन्दर अर्थ प्रस्तुत किया।